बदायूं, संवाददाता।
ग्राम न्यायालय बिल्सी के तत्वावधान में 26 सितंबर 2025 को उघैती पंचायत भवन में सचल न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) का आयोजन किया गया। न्यायाधीश अर्जित वर्मा की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की पहुंच को आसान बनाना था और वही सावित हुआ।
मौके पर कुल 8 वादों की सुनवाई की गई। अधिकांश मामलों में पक्षकारों ने आपसी समझौते से विवाद सुलझा लिया, जबकि कुछ मामलों में आरोपियों ने आरोप स्वीकार कर लिए, जिन पर न्यायालय ने त्वरित निर्णय दिए। इससे न केवल पीड़ितों को शीघ्र राहत मिली बल्कि मुकदमों का समय और संसाधन की बचत भी हुई।
कार्यवाही के दौरान पारिवारिक झगड़ों के साथ-साथ दंडनीय प्रकृति के मामलों का भी निपटारा किया गया। न्यायाधीश अर्जित वर्मा ने बताया कि ग्राम न्यायालय अधिनियम, 2008 के तहत चल रही यह पहल ग्रामीण न्याय व्यवस्था को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाने में सहायक है। उन्होंने कहा, “मोबाइल कोर्ट का मकसद यही है कि न्याय लोगों के घर-आंगन तक पहुंचे — दूरियाँ और आर्थिक अड़चनें न्याय के रास्ते में बाधा न बनें।”
अधिवक्ताओं ने प्रदान की विधिक सहायता
स्थानीय अधिवक्ता — प्रमोद कुमार, सुरेन्द्र निगम, सलीम, हरकेश यादव और योगेश्वर प्रसाद शर्मा ने पक्षकारों को आवश्यक विधिक मार्गदर्शन दिया। वहीं न्यायिक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित कराने में स्टाफ — पेशकार हर्षित, सहायक वाद लिपिक गौरव कुमार, अर्दली शमसुद्दीन और अजिताभ भारती — का योगदान उल्लेखनीय रहा।
समापन पर आभार व्यक्त
समापन के अवसर पर न्यायाधीश अर्जित वर्मा ने अधिवक्ताओं, स्थानीय पुलिस, पंचायत प्रधान एवं अन्य पदाधिकारियों तथा आम जनता का धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि भविष्य में भी इस प्रकार के मोबाइल कोर्ट नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे ताकि ग्रामीणों को “न्याय उनके द्वार पर” लगातार मिल सके।
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