ग्राम न्यायालय बिल्सी के तत्वावधान में 21 अगस्त 2025 को पंचायत भवन इस्लामनगर में सचल न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) का आयोजन किया गया। न्यायाधीश अर्जित वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस अदालत में ग्रामीणों को उनके द्वार पर न्याय उपलब्ध कराया गया।
ग्रामीणों को नज़दीक मिला न्याय
मोबाइल कोर्ट का उद्देश्य उन लोगों तक न्याय पहुँचाना है, जो दूरी, आर्थिक स्थिति या अन्य कठिनाइयों के चलते नियमित न्यायालय में नहीं जा पाते। न्यायाधीश अर्जित वर्मा ने कहा कि ग्राम न्यायालय अधिनियम 2008 के अंतर्गत चल रही यह पहल ग्रामीण न्याय व्यवस्था को अधिक सशक्त और सुलभ बना रही है।
कुल 16 मामलों की सुनवाई
अदालत में कुल 16 वादों की सुनवाई की गई। इनमें से अधिकांश मामलों में पक्षकारों के बीच आपसी समझौते और सहमति से निस्तारण हुआ, जबकि कुछ मामलों में आरोपियों ने स्वयं पर लगे आरोपों को स्वीकार किया (जुर्म का इकबाल), जिस पर न्यायाधीश अर्जित वर्मा ने तत्पर निर्णय सुनाया।
इससे पीड़ित और अभियुक्त दोनों पक्षों को शीघ्र न्याय प्राप्त हुआ।
पारिवारिक व दंडनीय मामले निपटे
मोबाइल कोर्ट की कार्यवाही के दौरान पारिवारिक विवादों सहित दंडनीय मामलों का निस्तारण किया गया। पारदर्शी प्रक्रिया, त्वरित न्याय और पक्षकारों की संतुष्टि इस सचल न्यायालय की विशेष उपलब्धि रही।
अधिवक्ता और न्यायालय स्टाफ का योगदान
इस अवसर पर अधिवक्ता वागीश माहेश्वरी, प्रमोद कुमार, हरिओम यादव, शिवकुमार सिंह, जीतू आदि ने पक्षकारों को विधिक सहायता प्रदान की।
वहीं न्यायिक कार्यवाही को सुचारु रूप से संपन्न कराने में स्टाफ का योगदान अहम रहा। इसमें पेशकार भुवनेश गुप्ता, वाद लिपिक हर्षित, सहायक वाद लिपिक गौरव कुमार, स्टेनो विजय कुमार, अर्दली शमसुद्दीन और अजिताभ भारती शामिल रहे।
न्यायाधीश अर्जित वर्मा ने जताया आभार
कार्यक्रम के समापन पर न्यायाधीश अर्जित वर्मा ने समस्त अधिवक्ताओं, इस्लामनगर पुलिस, इस्लामनगर चेयरमैन, पंचायत पदाधिकारियों और ग्रामीण जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के मोबाइल कोर्ट नियमित रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे, जिससे ग्रामीणों को “न्याय उनके द्वार पर” उपलब्ध होता रहेगा।
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